आदमी के राष्ट्रियता कतौके भेला पर भी, ऊ जै जगहके बासिन्दा भेला पर भी और ओकर राष्ट्रियता और जातीय उत्पत्ति, लिङ्ग, वरण, धरम, भाषा अथवा और परिचय जे भेलापर भी मानव अधिकार के हकदार चियै । मानव अधिकार के विश्वव्यापी घोषणाके धारा १ बमोजिम आदमी जन्मै छै त स्वतन्त्र रहै छै, मर्यादा और अधिकारके दृष्टिकोण से सैब आदमी बराबैर है छै । यी सैब अधिकार अन्तर सम्बन्धित, अन्तर्निभर और अविभाज्य छै । विश्वव्यापी मानव अधिकारसन्धि,परम्परागत अन्तराष्ट्रीय कानुन के सामान्य सिद्धान्त सब और अन्तराष्ट्रीय कानुन के अन्य स्रोतके रुप मे बोलल और प्रत्याभूत करल गेल छै ।
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Publisher:
CCD/UNDP
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(2011
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Type / Script:
Publication
in Tharu - थारु
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Keywords:
HUMAN RIGHTS, SOCIAL JUSTICES, POVERTY ALLEVIATION, INEQUALITY POWER, GENDER, SOCIAL CAST, WOMEN, DISABILITY DIVERSITY, MULTILINGUAL , LAW, CONSTITUTION, ECONOMICS, SOCIAL, POLITICAL, RELIGIOUS, INTERIM CONSTITUTION, PROTECTION , ROLE OF CIVIL SOCIETY, FEDERAL SATE, ADJUSTMENT, EDUCATION RIGHT
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Thematic Group: UNDP
:
Social and Institutional Developoment
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Thesaurus:
01.07.00
- General And National Law
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Reference Link:
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BIRKHA DHAMI
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